राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अगर बाढ़ से किसी की फसल 100 फीसदी खराब हो गई है तो उन्हें 15000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा. उससे कम खराबी पर मुआवजे की रकम कम कर दी जाएगी. इसके अलावा जिन स्थानों पर फसल दोबारा लगाने की गुंजाइश बची हुई है, वहां मुआवजे की राशि अलग तरीके से तय की जाएगी. वहीं, बाढ़ के चलते जिन लोगों की जान चली गई है उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बाढ़ पीड़ितों के संबंध में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसान बाढ़ के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाकर क्लेम करें. हर सप्ताह जैसे-जैसे आवेदन आते जाएंगे, उनका वेरिफिकेशन कराया जाएगा. वेरिफिकेशन के बाद मुआवजे की रकम भेज दी जाएगी.
बाढ़ के चलते राज्य में पशुओं के चारे पर भी भारी संकट आ गया है. ऐसे में डिजास्टर मैनेजमेंट फंड से बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रति जानवर 80 रुपये प्रति दिन और छोटे जानवरों के लिए 45 रुपये प्रति दिन की रकम भेजने का फैसला लिया है. पशुओं को इस सीजन में कोई बीमारी ना हो इसके लिए 50 लाख पशुओं का टीकाकरण भी कराया गया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बाढ़ पीड़ितों के संबंध में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसान बाढ़ के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाकर क्लेम करें. हर सप्ताह जैसे-जैसे आवेदन आते जाएंगे, उनका वेरिफिकेशन कराया जाएगा. वेरिफिकेशन के बाद मुआवजे की रकम भेज दी जाएगी.