रक्षा विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘सभी हितधारकों की समन्वित कार्रवाई के जरिये स्थिति पर नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। भारतीय वायु सेना ने सी17 ग्लोबमास्टर और एएन32 विमानों के जरिये असम की दो हवाई पट्टियों से उड़ान भरकर क्षेत्र में बचाव एवं निकासी अभियान चलाया।’ बयान के अनुसार अतिरिक्त बलों ने पांच मई को तड़के ही नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम आरंभ कर दिया। प्रभावित क्षेत्रों से सभी समुदायों के नागरिकों की निकासी का काम बृहस्पतिवार को रात भर किया गया। चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।’ एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ तैनात किए गए हैं, जबकि नगालैंड से सड़क मार्ग से अतिरिक्त सैनिकों को बुलाया गया। सूत्रों ने कहा कि समुदायों के बीच हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं। हालांकि, पुलिस फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। मालूम हो कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर मेइती समुदाय के लोगों और आदिवासियों के बीच हिंसा भड़क गई है, जिससे दोनों समुदायों के 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में कई प्रभावित लोग सुरक्षाबलों के शिविरों में शरण ले रहे हैं। मणिपुर सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘देखते ही गोली मारने का’ आदेश दिया है। मणिपुर में सुरक्षाबलों की भारी मौजूदगी के बीच ‘खौफनाक सन्नाटा’ पसरा हुआ है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के कई हिस्सों में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ की खबरें आ रही हैं। आमजन के बीच खामोशी है। लोग घरों में हैं।