भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार भारी बारिश का अनुमान
हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड समेत उत्तर पश्चिम भारत में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश के आने का अनुमान है। यह भारी बारिश के आने के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा भी है। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
आईएमडी ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया है कि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 26 से 28 जुलाई तक, हिमाचल प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में 27 जुलाई तक और उत्तराखंड में 28 जुलाई तक भारी बारिश की अपेक्षा है। आईएमडी ने बताया है कि 28 जुलाई को उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के अनुमान है।
भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के कई राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब में इस मानसून सीजन में पहले ही सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में जून से 23 जुलाई के बीच सामान्य से 78 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, जबकि पंजाब में सामान्य से 58 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।यमुना नदी भारतीय उपमहाद्वीप में एक महत्वपूर्ण नदी है जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और दिल्ली राज्यों से बहती है। यह नदी न केवल पर्यावरण और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह दिल्ली के लिए जीवनदायी जल स्रोत भी है। हाल ही में हुए घटनाओं के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा है और इसके बारे में इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
यमुना नदी का जलस्तर और खतरे के निशान
यमुना नदी का जलस्तर बारिश की मात्रा, बर्फ का पिघलना, और नदी में निकटतम बांध के प्रबंधन के आधार पर नियंत्रित होता है। इस समय, यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर है, जो खतरे के निशान से एक मीटर से अधिक ऊपर है। प्राकृतिक तथा निर्मित बांधों के उपयोग के कारण, नदी के जलस्तर में बदलाव होता रहता है, लेकिन वर्तमान में यह नदी के जलस्तर में उछाल देने वाला एक चिंता का विषय बन गया है।
ओल्ड रेलवे ब्रिज पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोका
यमुना नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया है। यह रेलगाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम है जो दिल्ली के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है। प्राधिकारियों ने सुरक्षा को मध्यस्थ करते हुए यमुना नदी के जलस्तर के बढ़ते हुए खतरे के चलते इस निर्णय को लिया है।