अमेरिका में स्तिथ न्यूयॉर्क शहर में एक व्यक्ति ने याचिका दायर की है कि पिछले साल उसने अपने एक रिश्तेदार से फोन पर हिंदी में बात की जिसके कारण उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही उसने बताया कि दफ्तर की ओर से झूठा आरोप लगाया गया है कि फोन पर गोपनीय जानकारी साझा की जा रही थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है।
मुकदमे में दावा किया गया कि दूसरे कार्यकर्ता ने झूठा और जानबूझकर रिपोर्ट किया कि वार्ष्णेय ने गोपनीय जानकारी का खुलासा करके सुरक्षा उल्लंघन किया। वार्ष्णेय ने अपने मुकदमे में कहा कि कॉल पर उन्होंने कोई गोपनीय या वर्गीकृत जानकारी नहीं दी। उनके अनुसार, जिस कक्ष में उन्होंने वीडियो कॉल रिसीव किया था, वो एकदम खाली था। वहां पर ऐसा कुछ नहीं था, जिससे गोपनीय जानकारी साझा की जाती।
सूत्रों के अनुसार 78 वर्षीय अनिल वार्ष्णेय ने मिसाइल रक्षा ठेकेदार पार्सन्स कॉर्पोरेशन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के खिलाफ कंपनी पर प्रणालीगत भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है। 24 जुलाई को अदालत में दायर जवाब में कंपनी ने अपनी ओर से किसी भी गलत काम से इनकार किया। वार्ष्णेय ने जुलाई 2011 से अक्टूबर 2022 तक पार्सन्स हंट्सविले कार्यालय में काम किया और उन्हें सिस्टम इंजीनियरिंग में ‘कॉन्ट्रैक्टर ऑफ द ईयर’ के रूप में सम्मानित किया गया था। मामला अभी कोर्ट में है।