मणिपुर में कुकी-जो जनजातियों के अग्रणी संगठन, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने बुधवार को ‘स्व-शासित अलग प्रशासन’ स्थापित करने की धमकी दी। संगठन ने बुधवार को उन क्षेत्रों में ‘पृथक स्व-शासित प्रशासन’ स्थापित करने की धमकी दी, जहां ये आदिवासी बहुमत में हैं। आईटीएलएफ के महासचिव मुआन टोम्बिंग ने कहा ‘मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू हुए छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अलग प्रशासन की हमारी मांग के संबंध में कुछ नहीं किया गया है।
उनकी टिप्पणी उस दिन आई है जब संगठन ने चुराचांदपुर में आदिवासियों की हत्या की सीबीआई या एनआईए जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। आईटीएलएफ के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग ने कहा, ‘जातीय संघर्ष के दौरान कई कुकी-जो आदिवासी मारे गए हैं, लेकिन किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसे जांच के लिए नहीं लिया है।
राज्य की राजधानी इंफाल में, स्थानीय लोगों ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मणिपुर सरकार की कथित असमर्थता के विरोध में प्रदर्शन किया। निंगोल चाकोउबा उत्सव के अवसर पर इंफाल घाटी के पांच जिलों में प्रमुख बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। उन्होंने गांवों में बंदूकधारियों द्वारा हमले करने की छिटपुट घटनाओं का भी विरोध किया, जिससे हजारों लोग अपने घरों को लौट नहीं पा रहे हैं।