स्वामी प्रसाद मौर्य पर दो हमले एक ही दिन में, करणी सेना पर लगाया साजिश का आरोप
उत्तर प्रदेश की राजनीति उस समय गरमा गई जब स्वामी प्रसाद मौर्य पर रायबरेली और फतेहपुर में जानलेवा हमले हुए। ये घटनाएं न केवल एक पूर्व मंत्री पर हमला थीं, बल्कि प्रदेश की law and order व्यवस्था पर भी सवाल उठाती हैं।
Raebareli में जब मौर्य का स्वागत किया जा रहा था, तभी दो युवकों ने पीछे से आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। हमलावरों की पहचान रोहित द्विवेदी और शिवम यादव के रूप में हुई है। दोनों को मौके पर ही स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई के बाद पुलिस को सौंप दिया गया।
❝फतेहपुर में भी दोहराया गया हमला, करणी सेना पर मौर्य ने लगाया गंभीर आरोप❞
इसी दिन Fatehpur में भी Swami Prasad Maurya पर हमला हुआ। एक युवक ने मंच पर आकर उन्हें थप्पड़ मारने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने समय रहते पकड़ लिया। इस हमले के बाद मौर्य ने प्रेस को संबोधित करते हुए Karni Sena पर हमला करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “करणी सेना के सदस्य सरकार के संरक्षण में गुंडागर्दी कर रहे हैं।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इन घटनाओं को राजनीतिक साजिश बताया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि “प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही की मिसाल है।”
वायरल वीडियो बना विपक्ष का हथियार, सवालों में उत्तर प्रदेश सरकार
रायबरेली की घटना का वीडियो वायरल होते ही पूरे देश में हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया पर #SwamiPrasadMaurya और #KarniSena ट्रेंड करने लगे। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया और मुख्यमंत्री से जवाब मांगा।
Swami Prasad Maurya Attack, Rae Bareli Violence, Karni Sena Controversy, और UP Law and Order Failure जैसे कीवर्ड्स पूरे दिन भर इंटरनेट पर छाए रहे।
पुलिस ने दोनों ही घटनाओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और हमलावरों की पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी गई है। शुरुआती पूछताछ में हमलावरों ने मौर्य की “Sanatan धर्म के खिलाफ बयानबाजी” को कारण बताया है।
सियासत में बढ़ता तनाव और लोकतंत्र पर खतरे की घंटी?
एक ही दिन में Swami Prasad Maurya पर दो जगह हमला होना यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में सियासी हिंसा किस कदर बढ़ गई है। करणी सेना जैसे संगठनों का नाम आने से सामाजिक ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव की संभावनाएं और बढ़ गई हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट कहा है कि वे इन हमलों से डरने वाले नहीं हैं और जल्द ही इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि सत्ता पक्ष के संरक्षण में राजनीतिक विरोधियों को डराने की कोशिश की जा रही है।