Kathmandu से बड़ी खबर सामने आई है। Nepal के प्रधानमंत्री KP Sharma Oli ने मंगलवार को अपना इस्तीफ़ा दे दिया है। यह इस्तीफ़ा अचानक नहीं बल्कि लगातार बढ़ते Gen Z आंदोलन, भ्रष्टाचार विरोधी नारों और हिंसक प्रदर्शनों का नतीजा है। संसद भवन आग के हवाले हो गई, कई मंत्रियों के घर जला दिए गए और राजधानी कर्फ्यू में तब्दील हो गई।
KP Sharma Oli इस्तीफ़ा और Gen Z का दबाव
सालों से सत्ता में बैठे नेताओं के खिलाफ युवाओं का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। KP Sharma Oli सरकार ने जब सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया, तभी से प्रदर्शन ने जोर पकड़ा। यह विरोध सिर्फ इंटरनेट तक सीमित नहीं रहा बल्कि भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और “NepoKid” जैसे नारों ने पूरे आंदोलन को जनयुद्ध जैसा रूप दे दिया।
संसद जलकर राख, सेना ने संभाला मोर्चा
Kathmandu में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, मंत्रियों के घर और सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति काबू से बाहर होते देख सेना को मैदान में उतारना पड़ा। Nepal Army ने हवाई अड्डे और संवेदनशील इलाकों की कमान संभाल ली है।
KP Sharma Oli का भविष्य और Nepal की राजनीति
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि KP Sharma Oli कहां हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्तीफ़े के बाद वह देश छोड़ सकते हैं। Nepal इस समय राजनीतिक शून्य में खड़ा है। विपक्ष और सिविल सोसायटी दोनों नई सरकार और पारदर्शी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन क्यों खास है?
यह सिर्फ राजनीतिक संकट नहीं बल्कि एक पीढ़ी की आवाज है। Gen Z युवा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और असमानता से तंग आ चुके हैं। यह वही ताक़त है जिसने Bangladesh में सत्ता बदली और अब Nepal में भी राजनीति की तस्वीर बदल दी।