ढाका (बांग्लादेश):
बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू भिक्षु और पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास को छह महीने बाद ज़मानत दे दी है। यह फैसला उन समर्थकों और मानवाधिकार संगठनों के लिए राहत की खबर है जो लंबे समय से उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे।
चिन्मय कृष्ण दास पर सोशल मीडिया के जरिए सरकार की आलोचना और अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे उठाने के चलते देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। निचली अदालतों ने उनकी ज़मानत याचिका पहले कई बार खारिज कर दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने आखिरकार उन्हें राहत दी।
इस मामले ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक नई बहस छेड़ दी है। इस्कॉन के अनुयायी और कई हिंदू संगठनों ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है।
जानकारों का मानना है कि यह फैसला बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। अब देखना होगा कि मुकदमे की आगे की प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।