श्रीनगर के पास स्थित पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की पहचान हुई है, जो पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद कर रहे थे। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे।
लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूहों से जुड़े आतंकवादियों ने पहलगाम के बाईसरन क्षेत्र में पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिससे इलाके में भारी खौफ और दहशत फैल गई। अब जांच में यह सामने आया है कि 15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स इस हमले में आतंकवादियों के सहयोगी थे।
OGWs, जो आतंकवादियों के लिए खुफिया जानकारी, सहायता, और आश्रय प्रदान करते हैं, इस हमले की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। इन व्यक्तियों ने आतंकवादियों को हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद की थी।

कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच सरकार ने तेज़ी से कदम उठाए
15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स की पहचान के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए व्यापक जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि इस अभियान से OGWs के अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का पता चल सकता है।
राजनीतिक दलों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों पर चिंता जताई है। सरकार ने आतंकवादियों और OGWs के खिलाफ सख्त कदम उठाने का वादा किया है, और यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि ऐसे तत्वों को गिरफ्तार किया जाए।
राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों से भी OGWs के बारे में जानकारी जुटाने का आह्वान किया है, क्योंकि ये लोग कश्मीर में शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा माने जाते हैं।
जहां स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है, पहलगाम आतंकी हमले में 15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स की पहचान एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और भी काम बाकी है, ताकि हमले के जिम्मेदार सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। यह घटना कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष की गंभीरता को उजागर करती है और इस चुनौती से निपटने के लिए सतर्कता और सहयोग की आवश्यकता को दिखाती है।