अगर आपने फ्लोटिंग (परिवर्तनशील) ब्याज दर पर किसी भी प्रकार का कर्ज लिया है तो अपनी सुविधानुसार अब आप फिक्स्ड (निश्चित) दर के विकल्प का चुनाव कर सकेंगे। इस विकल्प के चयन से आपको मासिक किस्त (ईएमआई) या कर्ज अवधि घटाने में मदद मिलेगी। आरबीआई इसकी अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से मकान, वाहन और अन्य प्रकार के कर्ज लेने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ऐसे ग्राहक ही ऊंची ब्याज दरों से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
इसका मतलब है कि आरबीआई के रेपो दर बढ़ाने के साथ बैंक भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देते हैं। इसका असर फ्लोटिंग दर पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर पड़ता है, क्योंकि कर्ज की ब्याज दर बढ़ जाती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा, इस सुविधा के लिए नया ढांचा बनाया जा रहा है। इसके तहत ऋणदाताओं को ग्राहकों को कर्ज अवधि और ईएमआई के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी।
दास ने कहा, केंद्रीय बैंक की समीक्षा और लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं में ग्राहकों की सहमति और संवाद के बिना फ्लोटिंग दर वाले कर्ज की अवधि अनुचित रूप से बढ़ाने के कई उदाहरण सामने आए। इससे निपटने के लिए एक उचित ढांचा बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका सभी विनियमित संस्थाओं को पालन करना होगा। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जल्द जारी किए जाएंगे।