एक शोध के अनुसार भारत में निर्माण क्षेत्र में रोजगार का आंकड़ा 2030 तक 10 करोड़ को पार कर जाएगा। फिलहाल इस क्षेत्र में 7.60 करोड़ लोग कार्यरत हैं। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में इसका अनुमान लगाया गया। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक और रॉयल इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (आरआईसीएस) इंडिया की ओर से जारी ‘निर्माण क्षेत्र में कुशल रोजगार’ रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में कुशल कार्यबल की हिस्सेदारी इस दशक के अंत तक बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो जाएगी, जो वर्तमान में 9.7 प्रतिशत है।
इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर का उत्पादन 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में यह 650 अरब डॉलर है। रिपोर्ट में कहा गया है की रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि का सबसे बड़ा कारण बढ़ती आबादी से उत्पन्न आवासीय मांग में वृद्धि है और वाणिज्यिक, खुदरा, आतिथ्य और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में भी विकास हो रहा है।
रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग के कारण, कुशल कर्मचारियों की मांग डेवलपर्स, निर्माण कंपनियों, परामर्श फर्मों आदि में उत्पन्न होती रहेगी। निर्माण क्षेत्र 2012 के बाद 11 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है। वर्तमान में, यह भारतीय अर्थव्यवस्था के कुल उत्पादन का 18 प्रतिशत है। इसके अलावा नौकरी देने के मामले में यह कृषि क्षेत्र के बाद दूसरे नंबर पर है।