दरअसल हिसार, भिवानी, करनाल, फतेहाबाद, अंबाला,पानीपत समेत कई जगहों से लोग नूंह में ब्रजमंडल यात्रा में हिस्सा लेने गए थे। अचानक हुई हिंसा की वजह से कुछ लोग फंस गए तो कुछ जान बचाकर भागे। भिवानी के लोग ड्राइवर के भागने के बाद यात्री के बस भगाने से बचे। हिसार के लोगों की बस उपद्रवियों ने जला दी थी। फतेहाबाद के लोगों ने किसी तरह पथराव के बीच बस को भगाकर जान बचाई।
लोगों ने बताया की सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे का समय था। हम सभी नूंह में ब्रजमंडल यात्रा में उपस्तिथ गाड़ियों के काफिले में शामिल होकर नल्हड़ शिव मंदिर से फिरोजपुर-झिरका की ओर रवाना ही हुए थे कि अचानक पूरा काफिला थम गया। हमारी बस पीछे थी, जिसमें काफी सारे बच्चे थे। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, बस पर पत्थर होने शुरू हो गए। 10 -15 किलोमीटर तक रास्ते में बीच-बीच में उनकी बस पर पथराव होता रहा। बस में बैठे-बैठे ही कुछ लोगों के पत्थर लगने से सिर फूट गए। खून बहता रहा, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि कुछ सेकेंड रूक जाएं। उक्त व्यक्ति उन्हें 50 किलोमीटर दूर रेवाड़ी लाकर ट्रॉमा सेंटर में ले गया और सभी लोगों की जान बच गयी।
हिंसा को मद्देनज़र रखते हुए नूंह में दो दिन के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके में पैरामिलिट्री की 13 कंपनियां तैनात की गई हैं। उधर, नूंह से सटे राजस्थान के भरतपुर में भी अलर्ट जारी किया गया है।