पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तोशाखाना केस में इमरान खान को जिला-सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया है। उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। इस्लामाबाद पुलिस ने सजा होने के साथ ही इमरान को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, उनकी पार्टी पीटीआई ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। साल 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त में इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सामने एक आरोप पत्र दायर किया था। इमरान खान पर आरोप लगाए गए थे कि जो गिफ्ट उन्हें मिले, उसका विवरण तोशाखाना को नहीं सौंपा गया था। आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गई थी। साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी दी। पार्टी ने एक बयान में कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था पर एक और काला धब्बा लगा है।