भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर की दूसरी बातचीत भी आज टल गई है। यह वार्ता दोपहर 12 बजे होनी थी, लेकिन बिना किसी स्पष्ट कारण के इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके चलते दोनों देशों के बीच एक बार फिर से तनाव चरम पर पहुंच गया है।
पिछली बातचीत के बाद बनी थी शांति की उम्मीद
दोनों देशों ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत के जवाबी “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद 10 मई को एक अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी। लेकिन अब यह बातचीत टलने से शांति की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।
भारत की दो टूक – आतंकवाद और POK ही होंगे मुद्दे
भारत ने साफ कहा है कि किसी भी बातचीत में केवल आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर ही चर्चा होगी। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को चेताया है कि अगर सीमा पर कोई उकसावे वाली कार्रवाई हुई तो करारा जवाब दिया जाएगा।
सीज़फायर के बावजूद पाकिस्तान की हरकतें जारी
भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि सीज़फायर के अगले ही दिन पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सीमा में घुसपैठ करते पाए गए, और कुछ रिहायशी इलाकों को निशाना भी बनाया गया। इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान पर युद्धविराम का कोई असर नहीं हुआ है।
क्या फिर हो सकती है भारत-पाकिस्तान के बीच जंग?
हालात जिस तरह से बिगड़ते जा रहे हैं, यह सवाल अब हर भारतीय के मन में है – क्या अब फिर जंग होगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पाकिस्तान ने एक और आतंकी हमले या घुसपैठ की कोशिश की, तो भारत की ओर से इस बार जवाब और भी बड़ा और निर्णायक हो सकता है। DGMO बातचीत का टलना, सीमा पर तनाव और बढ़ती घुसपैठ ये सब संकेत हैं कि दोनों देश टकराव के बेहद करीब हैं।
हालांकि, युद्ध कोई समाधान नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान की हरकतें नहीं रुकीं, तो भारत सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा – ऐसा संकेत अब सरकार की रणनीति से साफ हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और नजरें
इस गंभीर स्थिति पर अमेरिका, रूस, चीन और संयुक्त राष्ट्र जैसे कई देश नजर रखे हुए हैं। अगर ये तनाव और बढ़ा, तो यह केवल भारत-पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दक्षिण एशिया की स्थिरता को भी खतरा हो सकता है।
DGMO बातचीत का बार-बार टलना, युद्धविराम का उल्लंघन और सीमा पर बढ़ता तनाव – ये सभी संकेत किसी बड़े संघर्ष की आहट दे रहे हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आने वाले दिनों में दोनों देश फिर एक सैन्य टकराव की ओर बढ़ेंगे?