हरियाणा के गांव भट्टू के ऐतिहासिक कर्ण कोट टीले से में महाभारत काल के कर्णकोट टीले से वर्षा ऋतु में मिट्टी बहने से ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं प्राप्त हुई हैं, जो निरंतर जारी हैं। यहां विभाग की तरफ से सिक्योरिटी में रखी गयीं हैं। हाल ही में हुई बारिश के दौरान इस टीले से ग्रेवियार्ड ऑब्जेक्ट मिला है।
अवशेष जो मिला है, वो महाभारत काल के समय बर्तन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पदार्थ का एक चक्र है, जिसको ग्रेवियार्ड कहते हैं। ये चीनी मिट्टी की तरह का एक पदार्थ है जो बहुत शानदार चमक और मजबूती रखता है। इस ग्रेवियार्ड से महाभारत कालीन समय में बर्तन व कपों के सांचे तैयार किए जाते थे।
इस टीले के शोधकर्ता व सेफ्टी इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि यह ग्रेवियार्ड अपने आप में अद्भुत है और महाभारत कालीन समय की उस बर्तन निर्माण पद्धति का परिचायक है, जिससे बर्तनों का निर्माण होता था। इसके अलावा यहां पर हाथी दांत की चूड़ियों के अवशेष और हड़प्पा काल के शतरंज के पासे भी मिले हैं। यहां पर महाभारत काल से लेकर एंग्लो-सिख युद्ध तक के प्रमाण भी मिल चुके हैं। जिसमें मराठा सिख और फ्रांसीसी सेनाओं की ब्रिटिश सेना से लड़ाई हुई थी और नेपोलियन बोनापार्ट की सेना में तोपची रहे लेफ्टिनेंट हैलिसन सिख सेनाओं के साथ यहां तैनात रहे थे। इस स्थान में खुदाई जारी है।