पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है। इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी अपील कर दी है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दीजिए और POK को भारत में मिला दीजिए।” उनका यह बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद में कैंडल मार्च के दौरान कहा कि अब वक्त आ गया है जब भारत को पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना चाहिए। उन्होंने इंदिरा गांधी के 1971 के साहसिक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि अब एक और इतिहास रचने की जरूरत है।

विपक्ष का समर्थन, ओवैसी भी बोले एक सुर में
कैंडल मार्च में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ सभी दलों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने रेवंत रेड्डी के बयान का समर्थन तो नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि अब पाकिस्तान को सख्त संदेश देना जरूरी है।
“पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दीजिए” की मांग क्यों हो रही है तेज़?
रेवंत रेड्डी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश शोक और आक्रोश के बीच है। “पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दीजिए” की मांग सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि कई नागरिकों की भावना बनती जा रही है।
क्या यह संभव है?
भले ही यह मांग देशभक्ति के जज़्बे से भरी हो, लेकिन इसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव गहरा हो सकता है। पाकिस्तान और भारत दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और ऐसे किसी भी कदम से पहले सरकार को रणनीतिक और कूटनीतिक सोच से फैसला लेना होगा।