उषा मीडिया से बात किए बिना चली गईं, लेकिन पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है। बजरंग ने मीडिया से कहा, ‘उन्होंने (उषा) कहा कि उनकी टिप्पणियों का गलत मतलब निकाला गया। वह पहले एथलीट हैं और बाद में प्रशासक हैं।’ बजरंग ने कहा कि हमने उनसे कहा कि हमें न्याय चाहिए। हमारा सरकार या विपक्ष या किसी और से कोई झगड़ा नहीं है। हम यहां कुश्ती की बेहतरी के लिए बैठे हैं। साक्षी मलिक ने कहा कि अगर कोई यहां आया है और कहता है कि वह हमारा समर्थन करता है, तो हमें बस इतना ही चाहिए। साक्षी के अनुसार, पीटी उषा ने उनसे कहा कि उन्हें स्टेडियम के बजाय सड़कों पर देखकर दुख हो रहा है। विनेश फोगाट ने कहा कि उन्होंने उषा से यह नहीं पूछा कि आईओए जांच कब पूरी करेगी, लेकिन कुछ सुझाव दिये हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के प्रति असंवेदनशील होने के आरोपों का सामना कर रहीं भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने बुधवार को जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया। पूर्व फर्राटा धाविका उषा ने इससे पहले यह कहते हुए पहलवानों की कड़ी आलोचना की थी कि प्रदर्शन के बजाय उन्हें पहले ओलंपिक संघ से संपर्क करना चाहिये था। उन्होंने कहा था कि पहलवानों को अनुशासन दिखाना चाहिए था। इस टिप्पणी के बाद उनकी और ओलंपिक संघ की आलोचना हुई थी। छात्रों ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने रोका : प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए विभिन्न छात्र समूहों ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारियों को बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। गौर हो कि दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। पहलवानों के धरने के दौरान बुधवार देर रात भारी हंगामा हुआ। पुलिस के साथ पहलवानों की कहासुनी हुई। बताया गया कि धरनास्थल पर कुछ लोग फोल्डिंग बेड लेकर पहुंचे थे। पुलिस द्वारा उन्हें रोकने पर विवाद हो गया। धक्का-मुक्की भी हुई।