नया Income Tax Bill 2025 – बड़े बदलाव, आसान नियम और Taxpayers के लिए राहत
संसद के मानसून सत्र में आज लोकसभा ने नया Income Tax Bill 2025 ध्वनि मत से पास कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे “टैक्स कानून को सरल, पारदर्शी और समय के अनुरूप” बनाने वाला ऐतिहासिक कदम बताया। यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए income tax rules को आसान बनाएगा।
नए कानून में टैक्स स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए 47 अध्यायों को घटाकर 23 किया गया है, 819 प्रावधानों को घटाकर 536 किया गया है और भाषा को आसान बनाने के लिए अंग्रेजी के सरल शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। नया income tax bill हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन को नेट वार्षिक मूल्य (municipal tax घटाने के बाद) पर लागू करता है। साथ ही, निर्माण से पहले के ब्याज की छूट अब स्व-स्वामित्व और किराए पर दी गई संपत्ति दोनों के लिए मान्य होगी।
संसद की चयन समिति की 285 सिफारिशों को शामिल करने के बाद बिल को संशोधित रूप में पेश किया गया। इसमें टैक्सपेयर को late filing के बाद भी रिफंड लेने का हक, NIL-TDS सर्टिफिकेट, MSME की परिभाषा में बदलाव और खाली मकानों पर notional rent खत्म करने जैसे बड़े कदम शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि नया income tax bill में “Tax Year” का कॉन्सेप्ट लाया गया है, जिससे “Previous Year” और “Assessment Year” की उलझन खत्म होगी। टैक्सपेयर चार्टर, डिजिटल-फर्स्ट और फेसलेस असेसमेंट सिस्टम के जरिए पारदर्शिता और तेज प्रोसेसिंग सुनिश्चित की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बिल से टैक्सपेयर को राहत के साथ-साथ टैक्स कलेक्शन प्रक्रिया भी सरल और डिजिटल होगी। यह बदलाव न केवल व्यक्तिगत टैक्सपेयर बल्कि बिजनेस सेक्टर, खासकर रियल एस्टेट और MSME इंडस्ट्री को भी फायदा पहुंचाएंगे।
नया Income Tax Bill 2025 टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि लागू होने के बाद इसका वास्तविक असर टैक्सपेयर और अर्थव्यवस्था पर कैसा पड़ता है।