Perplexity CEO Aravind Srinivas ने युवाओं और प्रोफेशनल्स को चेतावनी दी है कि वो Instagram doomscrolling में समय बर्बाद करने के बजाय AI टूल्स सीखने में वक्त लगाएँ। उनका कहना है कि आने वाला Comet AI ब्राउज़र recruiters और executive assistants की कई ज़िम्मेदारियों को ऑटोमेट कर सकता है, और अगले छह महीनों में बड़ा बदलाव आ सकता है।
Perplexity CEO का बड़ा बयान
Aravind Srinivas, यानी perplexity ceo, का मानना है कि AI की स्पीड बेहद तेज़ है। Instagram reels और बेवजह स्क्रॉल करने से करियर में कोई फ़ायदा नहीं, लेकिन Comet जैसे AI टूल्स नए अवसर खोल सकते हैं। उन्होंने कहा, “युवाओं को AI वर्कफ़्लोज़ पर ध्यान देना चाहिए ताकि वो आगे बने रहें।”
Comet Browser क्यों है गेम-चेंजर?
Comet ब्राउज़र, जो Perplexity AI ने बनाया है, पूरी तरह वर्कफ़्लो हैंडल कर सकता है। Gmail थ्रेड मैनेज करने से लेकर LinkedIn पर कैंडिडेट खोजने, मीटिंग शेड्यूल करने और ईमेल ड्राफ्ट तैयार करने तक ये एक डिजिटल असिस्टेंट की तरह काम करता है। perplexity ceo का कहना है कि recruiters और assistants की जॉब्स सबसे पहले ऑटोमेशन से प्रभावित होंगी।
Insta Reels बनाम Real Skills
Srinivas ने कहा कि doomscrolling छोड़कर AI प्रैक्टिस शुरू करनी चाहिए। रोज़ सिर्फ़ 30 मिनट AI prompts, रिज्यूमे ऑटोमेशन, इंटरव्यू प्रश्न बनाना और फॉलो-अप शेड्यूल करना – ये सब कैरियर में बड़ा बदलाव ला सकता है।
3–6 महीने का अलर्ट
perplexity ceo का कहना है कि AI टेक्नोलॉजी हर 3-6 महीनों में अपग्रेड हो रही है। अगर युवा अभी से स्किल नहीं सीखेंगे तो जॉब मार्केट में पीछे रह जाएंगे। Recruiters और executive assistants को तुरंत AI-powered workflows सीखना चाहिए।
भारत के युवाओं के पास AI सीखकर आगे बढ़ने का बेहतरीन मौका है। जैसा कि Aravind Srinivas कहते हैं, “Instagram पर कम समय दो, AI मास्टर करने में ज्यादा।”