Pune Bridge हादसा: प्रशासन की अनदेखी और कमजोर ढांचे ने ली 4 जानें
महाराष्ट्र के पुणे जिले के Talegaon Dabhade इलाके में 14 जून की रात एक बड़ा हादसा हुआ जब एक British era का पुराना पुल (Pune Bridge) अचानक गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगों की मौत, 50 से अधिक लोग घायल हो गए और 2 अभी भी लापता हैं। यह Pune Bridge Indrayani River के ऊपर बना हुआ था और कई सालों से उपयोग में था, जबकि इसकी हालत जर्जर थी।
Pune Bridge का गिरना – खराब संरचना और प्रशासनिक लापरवाही की देन
जानकारी के अनुसार, यह Pune Bridge पहले से ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका था। Public Works Department (PWD) द्वारा इसे structurally unsafe बताया गया था, मगर फिर भी इसे बंद नहीं किया गया। हादसे के समय पुल पर भीड़ ज्यादा थी, और एकाएक पुल हिलने लगा। कुछ सेकंड में ही पूरा स्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया और लोग नीचे गिर गए।
चश्मदीदों की जुबानी – “सब कुछ चंद सेकंड में हुआ”
Livemint और Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, चश्मदीदों ने बताया कि पुल गिरने से पहले तेज आवाज आई और हड़कंप मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ नीचे गिर पड़े, कुछ भागने में सफल रहे। एक महिला ने बताया, “Pune Bridge जोर से हिला, जैसे भूकंप आ गया हो। फिर लोग चिल्लाने लगे और पुल टूट गया।”
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें
Hindustan Times के मुताबिक, राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF, SDRF, और local police की टीमें तैनात की गईं। कई लोगों को Talegaon General Hospital और Pune Civil Hospital में भर्ती किया गया। वहीं नदी में लापता लोगों की खोज के लिए बोट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया – जांच के आदेश
Chief Minister Eknath Shinde ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख मुआवज़ा देने की घोषणा की है। PWD को 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए गए हैं।
Pune Bridge हादसा – भविष्य के लिए एक चेतावनी
यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि भारत में कई पुल और इमारतें समय पर मरम्मत और निरीक्षण के अभाव में हादसे का कारण बन रही हैं। अगर इस Pune Bridge को समय रहते बंद कर दिया गया होता, तो शायद ये जानें बच सकती थीं।