मोदी सरकार बुधवार यानी आज अपने दूसरे कार्यकाल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं बोला तो अदाणी जी पर फोकस किया तो आपके सीनियर नेता को थोड़ा कष्ट हुआ। मगर मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी। आज जो भाजपा के मित्र हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, राहुल गांधी जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, भारत छोड़ो के नारे लगने लगे। राहुल ने कहा कि अध्यक्ष महोदय सबसे पहले मैं आपको मुझे लोकसभा के सांसद के रूप में बहाल करने के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं। जब मैंने पिछली बार बात की थी तो शायद मैंने आपको परेशानी दी थी क्योंकि मैंने अडानी पर ध्यान केंद्रित किया था, शायद आपके वरिष्ठ नेता को दुख हुआ, उस दर्द का असर आप पर भी हुआ होगा। इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं लेकिन मैंने सच बोला।
राहुल ने कहा कि कुछ ही दिन पहले मैं मणिपुर गया। हमारे प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आज की सच्चाई यह है कि मणिपुर नहीं बचा है। मणिपुर को आपने दो भाग में बांट दिया है, तोड़ दिया है। मैं मणिपुर में राहत शिविरों में गया। वहां महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की, जो प्रधानमंत्री ने आज तक नहीं की। मणिपुर में हिंदुस्तान का कत्ल होने का जैसे ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया, लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। राहुल को भाषण में बीच में रोकना पड़ा। फिर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उठे और कहा कि राहुल गांधी ने आज सदन में जो बातें कहीं हैं, मैं उस पर सवाल पूछना चाहता हूं। सात दशक तक यह होता रहा, इसकी जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी है। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।