आज की सबसे बड़ी आर्थिक खबर आई है Reserve Bank of India (RBI) की ओर से। Monetary Policy Committee (MPC) की बैठक के बाद RBI ने repo rate में 50 basis points की भारी कटौती की घोषणा कर दी है। अब नया repo rate 5.5% हो गया है, जो कि February 2025 से अब तक की तीसरी कटौती है।
यह निर्णय inflation के घटते स्तर और economy को नई रफ्तार देने के मकसद से लिया गया है।
Repo Rate घटने का सीधा असर आपके लोन पर
अब जब repo rate घट गया है, तो इसका सीधा फायदा home loan, car loan, और personal loan लेने वालों को मिलेगा। बैंक अब कम ब्याज दरों पर लोन देने में सक्षम होंगे, जिससे आपकी monthly EMI कम होगी।
EMI में राहत मिलने से इन सेक्टर्स को फायदा मिलेगा:
- Housing Sector
- Automobile Sector
- Consumer Goods
Market experts का कहना है कि अब लोग ज्यादा खरीदारी करेंगे और consumption बढ़ेगा, जिससे overall economic growth को ताकत मिलेगी।
Market Reaction और RBI की Strategy
Rate cut के तुरंत बाद share market में भी positive response देखने को मिला। Sensex और Nifty में तेजी आई और rate-sensitive stocks जैसे की banks, auto companies और real estate stocks में उछाल दर्ज किया गया।
RBI Governor Sanjay Malhotra ने कहा कि ये rate cut एक strategic frontloading है, जिससे global uncertainties जैसे US tariffs और monsoon की स्थिति का मुकाबला किया जा सके।
Repo Rate घटने के और क्या होंगे असर?
- Inflation Control: April 2025 में retail inflation 3.16% तक गिर गया था, जो RBI के acceptable level 4% से भी कम है।
- Credit Growth: Cash Reserve Ratio (CRR) में भी 100 basis points की कटौती की गई है, जिससे liquidity बढ़ेगी और loan देने की क्षमता भी।
- GDP Growth: देश की GDP Q4 FY 2024-25 में 7.4% रही और पूरे साल के लिए अनुमानित है 6.5%।
आगे क्या? क्या repo rate और कटेगा?
RBI ने अपना stance ‘Accommodative’ से बदलकर ‘Neutral’ कर दिया है, जिससे ये संकेत मिलता है कि अब आगे rate cuts में सतर्कता बरती जाएगी। हालांकि, अगर inflation इसी तरह low बना रहा तो आगे और कटौती संभव है।
अब है सस्ते लोन का समय, प्लानिंग कीजिए
अगर आप नया घर, गाड़ी या कोई बड़ा खर्च प्लान कर रहे हैं, तो ये आपके लिए अच्छा समय है। Repo rate में भारी कटौती ने EMI को सस्ता और borrowing को आसान बना दिया है।
अब वक्त है समझदारी से financial planning करने का क्योंकि monetary policy ने growth को support करने का इशारा दे दिया है।