पूर्व जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज दोपहर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। Satya Pal Malik पिछले कई महीनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और डायलिसिस पर थे। 79 वर्ष की आयु में उनका निधन ऐसे समय हुआ जब आज ही के दिन, ठीक 6 साल पहले, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में Article 370 Abrogation की ऐतिहासिक घोषणा की थी।
Satya Pal Malik Death पर देशभर में शोक की लहर
Satya Pal Malik passes away – यह खबर आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन की सूचना मिलते ही राजनीतिक जगत से लेकर आम जनता तक सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। वे लंबे समय तक राज्यपाल, सांसद, और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके थे।
वे न केवल Jammu and Kashmir Governor थे, बल्कि उन्होंने बिहार, गोवा और मेघालय में भी राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी। सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर अनेक दलों से होकर गुजरा – BJP, Congress, Lok Dal, और Janata Dal जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों से वे जुड़े रहे।
Satya Pal Malik passes away at 79 after kidney failure; last Governor before Article 370 Abrogation
उनके कार्यकाल के दौरान, अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया गया था। यही नहीं, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की प्रक्रिया भी सत्यपाल मलिक के गवर्नर रहते पूरी हुई थी। यही कारण है कि उन्हें last governor of Jammu and Kashmir state कहा जाता है।
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक करियर
- 1960 के दशक में छात्र राजनीति से शुरुआत
- 1974 में बागपत से विधायक निर्वाचित
- दो बार राज्यसभा सदस्य और एक बार लोकसभा सांसद
- 1990 में वी.पी. सिंह सरकार में पर्यटन और संसदीय कार्य राज्य मंत्री
- 2017 में बिहार के राज्यपाल, फिर J&K, Goa और Meghalaya Governor के तौर पर कार्यभार
विवादों में भी रहे Satya Pal Malik
सत्यपाल मलिक का नाम Pulwama Attack को लेकर दिए गए बयानों और हाल में CBI Chargesheet में भी आया था। Kiru Hydroelectric Scam में उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। हालांकि वे अपने आखिरी दिनों तक सरकार के खिलाफ खुलकर बोलते रहे।
उनका साफ कहना था कि उन्होंने किसी भी दबाव में आए बिना सच्चाई की बात की। उनकी ईमानदारी और बेबाक राय ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई।
अंतिम समय
वे पिछले दो महीने से kidney-related illness से पीड़ित थे और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डायलिसिस पर थे। उनकी हालत बिगड़ती चली गई और आज दोपहर 1:10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
देशभर से श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न दलों के नेताओं ने Satya Pal Malik Death पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके साहसिक निर्णयों और बेबाक़ विचारों को याद किया।
Satya Pal Malik passes away — यह केवल एक राजनेता के निधन की खबर नहीं है, बल्कि एक ऐसे दौर का अंत है जिसने देश के संवैधानिक इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। अनुच्छेद 370 को हटाने से लेकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने तक, सत्यपाल मलिक की भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।