Sheikh Hasina को 6 महीने की जेल, ICT कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
Bangladesh की राजनीति में एक बड़ा भूचाल तब आया जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को International Crimes Tribunal (ICT) ने अदालत की अवमानना (Contempt of Court) के केस में 6 महीने की जेल की सज़ा सुनाई। इस खबर के सामने आते ही पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हलचल मच गई है।
Sheikh Hasina पर यह आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अदालत के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे, जो कानून और न्याय प्रणाली के खिलाफ माना गया। अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए 6 महीने की कैद का फैसला सुनाया।
यह पहला मौका है जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री को ICT ने अदालत की अवमानना के मामले में सज़ा दी है। इस फैसले के बाद Bangladesh politics में एक नई बहस शुरू हो गई है – क्या यह फैसला न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता का उदाहरण है या राजनीति से प्रेरित कदम?
क्या है मामला? Sheikh Hasina और Contempt of Court विवाद
2009 से लेकर 2024 तक, Sheikh Hasina ने कई बार ICT की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कुछ मामलों में अदालत की निष्पक्षता पर बयान दिए जो कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले माने गए। कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया और अब 6 महीने की जेल का फैसला सुनाया है।
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विपक्ष का आरोप और सत्ताधारी दल की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस फैसले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। उनका कहना है कि Sheikh Hasina को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अदालत की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि कोर्ट का यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें कोई पक्षपात नहीं हुआ है।
सोशल मीडिया पर बवाल
जैसे ही Sheikh Hasina को सज़ा की खबर आई, ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर #SheikhHasina और #BangladeshCourtVerdict ट्रेंड करने लगे। लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही—कुछ ने इसे सही ठहराया तो कुछ ने इसे राजनीतिक साजिश बताया।
राजनीति में एक नया मोड़
Sheikh Hasina की सज़ा से Bangladesh की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका असर आगामी चुनावों पर कितना पड़ेगा और क्या Hasina इस फैसले के खिलाफ कोई अपील करेंगी।