पाकिस्तान की कैबिनेट ने अमेरिका के साथ होने वाले अहम रणनीतिक समझौते को मंजूरी दे दी है। इससे दोनों देशों के समीप रक्षा सहयोग फिर से शुरू हो सकेगा, जो कि बीते कुछ सालों से बंद था। इस समझौते के साथ ही पाकिस्तानी सेना को अमेरिकी हथियार मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है। पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट ने कम्यूनिकेशन इंटर ऑपरेबिलिटी एंड सिक्योरिटी मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (CIS-MOA) को मंजूरी दे दी है।
हालांकि अभी तक पाकिस्तान की सरकार ने इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। पाकिस्तान और अमेरिका फिर से रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। बीते दिनों पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल आसिम मुनीर ने यूएस सेंट्रल कमांड के चीफ जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला से मुलाकात की थी। CIS-MOA एक आधारभूत समझौता है, जो अमेरिका अपने उन सहयोगी देशों के साथ करता है, जिनके साथ वह करीबी रक्षा संबंध रखता है।
इस समझौते के होने के बाद माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना फिर से अमेरिकी हथियारों की कोई डील कर सकती है। अफगानिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध काफी अच्छे थे लेकिन साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मिलने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी। उसके बाद चीन के उभार के बाद पाकिस्तान चीन के करीब आ गया। वहीं अब अमेरिका और भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं। अब पाकिस्तान की मौजूदा सरकार में फिर से अमेरिका के साथ रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है और इस समझौते से दोनों देशों के रिश्तों में फिर से गर्माहट आने की, कम से कम पाकिस्तान तो उम्मीद कर ही रहा है।