गीता के वह 10 लाभदायक गुरुमंत्र जो दूर करें हर विकार। 

1 गीता में कहा गया है जो इंसान किसी की कमी को पूरी करता है वो सही अर्थों में महान होता है!

2 मन की शांति से बढ़कर इस संसार में कोई भी संपत्ति नहीं है।

3 किसी का अच्छा ना कर सको तो बुरा भी मत करना क्योंकि दुनिया कमजोर है लेकिन दुनिया बनाने वाला नहीं..!

4 यदि कोई व्यक्ति विश्वास के साथ इच्छित वस्तु को लेकर नित्य चिंतन करता है, तो वह जो चाहे वह बन सकता है।

5 सच्चा धर्म यह है कि जिन बातों को इंसान अपने लिए अच्छा नहीं समझता उन्हें दूसरों के लिए भी प्रयोग ना करें..!

6 कोई भी व्यक्ति अपने विश्वास से बनता है। वह जैसा विश्वास करता है, उसी अनुरूप बन जाता है।

7 मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

8 जो अच्छा लगे उसे ग्रहण करो और जो बुरा लगे उसका त्याग फिर चाहे वह विचार हो, कर्म हो या मनुष्य।

9 जो मनुष्य फल की इच्छा का त्याग करके केवल कर्म पर ध्यान देता है, वह अवश्य ही जीवन में सफल होता है।

10 कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।