कार्यकारी अभियंता अमित मैहला का कहना है कि अधूरी सड़क के मामले की उनको जानकारी नहीं है। ऐसे में यदि सड़क पूरी तरह से अधूरी है, तो वे उसकी जांच करवाएंगे। उसका मुआयना करवाकर उसको बनवाने के निर्देश जारी करेगें। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी अधिकारी या ठेकेदार ने इसमें कोई भी गलत कार्य किया है तो जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि सड़क बनाने के मामले में भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाये जा रहे हैं, वे निराधार एवं तथ्यहीन हैं। सडक़ निर्माण का कार्य अभी अधूरा है। खराब मौसम के चलते सड़क निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका। ऐसे में जितना भी अधूरा कार्य बचा है। गर्मी के मौसम में उसको पूरा कराया जाएगा। सरकार के पास सड़क निर्माण की राशि भी बकाया है। ठेकेदार बलबीर सिंह का कहना है कि अभी सड़क कार्य पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में खराब मौसम के चलते सड़क बनाने के कार्य को बंद करना पड़ा। जब भी मौसम गर्म होगा तो सड़क पर निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की हिदायत व टेंडर के अनुसार निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर सड़क को पूरी तरह साफ-सुथरा बनाया जाएगा। कड़ामी तक बनने वाली सड़क के ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत करके सड़क के अभी तक अधूरी होने के बावजूद सड़क का भुगतान ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में निम्न स्तर की घटिया सामग्री प्रयोग करके सड़क बनाने में लीपापोती करके आधी-अधूरी छोड़ दिया गया है। इस सड़क के निर्माण में भ्रष्टाचार की बू आ रही है, जिसकी जांच बहुत ही जरूरी है। लाडवा विधायक का आरोप है कि अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से सडक़ बनाने में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। ऐसे में जिला उपायुक्त तुरंत प्रभाव से मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर संबंधित ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाए नहीं तो वे ग्रामीणों के साथ सड़क पर उतरने पर मजबूर होंगे। मेवा सिंह ने कहा कि संबंधित ठेकेदार व विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत करके सडक़ बनाने में भारी गोलमाल किया है। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि भाजपा के शासन में फरीदाबाद में भी करोड़ों का गोल-माल हुआ है, जिससे सरकार की भ्रष्टाचार खत्म करने के दावों की पोल खुल रही है। मथाना में एसके रोड से कड़ामी तक 1 करोड़ 10 लाख की लागत से बनने वाली 4 किलोमीटर सड़क के बिना बने ही उसका भुगतान लेना भ्रष्टाचार से कम नहीं है। लाडवा के विधायक मेवा सिंह ने कहा कि धरातल पर सड़क पूरी हुए बिना ही कागजों में सरकार द्वारा सड़क का भुगतान करना इस सड़क पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।