Bombay High Court ने एक अहम फैसले में Yamaha कंपनी के WR trademark को रिजेक्ट करने वाले Trademark Office के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए उसे रद्द कर दिया है। Yamaha ने अपनी WR Series बाइक के लिए trademark अप्लाई किया था जिसे Registrar of Trademarks ने बिना ठोस कारण दिए अस्वीकृत (rejected) कर दिया था।
इस पर High Court ने साफ कहा कि Registrar ने ‘non-application of mind’ के आधार पर फैसला सुनाया, जो पूरी तरह गलत है।
Trademark Registry की गलती और Court का जवाब
Court ने कहा कि Trademark Office ने reasoned order नहीं दिया, यानी उन्होंने Yamaha के सारे सबूतों को proper तरीके से analyze नहीं किया। Yamaha ने बताया कि उनकी WR branding 1980s से international market में famous है और इसका इस्तेमाल लगातार किया गया है।
Court ने यह भी कहा कि Yamaha को अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया, जो natural justice के खिलाफ है। इसलिए Bombay High Court ने Registrar को आदेश दिया है कि वो इस trademark application को फिर से 4 महीने के अंदर review करें।
क्यों है ये मामला इतना जरूरी?
- Yamaha की WR सीरीज, खासकर dirt और off-road bikes के लिए global level पर famous है।
- Trademark न मिलने से Yamaha की India में branding और launching strategy पर असर पड़ सकता था।
- इस फैसले से यह साफ है कि Trademark Registry को हर बार transparent और well-explained फैसले देने होंगे।
Business और Trademark Industry पर असर
Yamaha के इस फैसले से India में काम कर रही international कंपनियों को एक positive signal मिला है। अब brands को Indian IP system में ज्यादा भरोसा मिलेगा।
इस फैसले के बाद legal experts ने कहा कि Bombay High Court ने trademark protection के मामलों में एक strong precedent सेट किया है।
Court का यह फैसला और भी केसों को करेगा प्रभावित
यह फैसला केवल Yamaha के लिए नहीं बल्कि उन सभी कंपनियों के लिए भी बड़ी राहत है जो India में अपने पुराने और international trademarks को legally secure करना चाहती हैं।
यहां तक कि TikTok जैसे बड़े brand को भी हाल ही में Trademark Registry से ‘well-known trademark’ status नहीं मिला था और उसका appeal भी Bombay High Court ने dismiss कर दिया था। इससे साफ है कि court गलत orders को support नहीं करेगा, चाहे brand कितना भी बड़ा क्यों न हो।
Bombay High Court का यह फैसला न सिर्फ Yamaha के लिए बल्कि पूरे trademark system के लिए एक चेतावनी है। अब हर Registrar को अपना फैसला reason के साथ देना होगा और applicant को पूरी तरह सुनने का मौका देना जरूरी होगा। यह case India के IP law system में एक milestone judgment के रूप में देखा जा रहा है।