Heart Lamp से चमका भारतीय साहित्य, Deepa Bhasthi बनीं अंतरराष्ट्रीय पहचान का चेहरा
कन्नड़ भाषा में लिखी गई और भारतीय समाज की असल तस्वीरें दिखाने वाली किताब Heart Lamp को International Booker Prize 2025 से सम्मानित किया गया है। यह उपलब्धि खास इसलिए है क्योंकि यह पहला मौका है जब किसी कन्नड़ भाषा की किताब और short story collection को यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला है।
इस किताब को लिखा है मशहूर लेखिका Banu Mushtaq ने और इसका English translation किया है Deepa Bhasthi ने। दोनों को संयुक्त रूप से £50,000 यानी करीब 53 लाख रुपये की इनामी राशि दी गई है। इस सम्मान के बाद Deepa Bhasthi का नाम देशभर में ट्रेंड करने लगा है।
कौन हैं Deepa Bhasthi?
Deepa Bhasthi, कर्नाटक के कोडगु जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने journalism को छोड़ कर literature की दुनिया में कदम रखा और आज उनका नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर लिया जा रहा है। उन्होंने Heart Lamp के अनुवाद में न सिर्फ भाषा बल्कि संस्कृति की गहराई को भी बखूबी उतारा है। उनकी भाषा में कन्नड़, उर्दू और अरबी के शब्दों का blend देखने को मिलता है, जो readers को कहानी में पूरी तरह डूबो देता है।
Booker Prize समारोह में Deepa Bhasthi ने दी कन्नड़ को श्रद्धांजलि
London के Tate Modern में हुए अवॉर्ड समारोह में Deepa Bhasthi ने Dr. Rajkumar के एक प्रसिद्ध गीत की पंक्ति बोल कर कन्नड़ भाषा को सम्मान दिया। उन्होंने कहा:
“Jenin holeyo, halin maleyo, sudheyo, Kannada savi nudio”
(कन्नड़ एक मधुर नदी, दूध की बारिश और अमृत जैसी भाषा है)
उनके इस भाषण पर न केवल तालियां बजीं, बल्कि पूरी दुनिया ने भारतीय भाषाओं की ताकत को महसूस किया।
क्या है Heart Lamp?
Heart Lamp एक short story collection है जिसमें 12 कहानियां हैं। इन कहानियों में महिलाओं, खासकर मुस्लिम और दलित महिलाओं की जिंदगी की सच्चाइयों को बहुत ही संवेदनशील और मजबूत ढंग से दिखाया गया है। Banu Mushtaq ने वकील रहते हुए जिन केसों को करीब से देखा, वही अनुभव इन कहानियों में दिखते हैं।
भारत के लिए गर्व का पल
इस सम्मान ने न केवल Deepa Bhasthi और Banu Mushtaq को मशहूर किया, बल्कि भारतीय भाषाओं को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। अब उम्मीद की जा रही है कि कन्नड़ समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की रचनाएं भी दुनियाभर में पढ़ी जाएंगी।