हरियाणा में बारिश के कारण जलधर की वजह से रेवाड़ी ज़िले के भीतर डेंगू का अंदेशा बढ़ गया है। इस सीजन में अब तक 15 केस सामने आ चुके हैं। हालाँकि खतरे की इस घड़ी में लोग लापरवाही करने से नहीं चूक रहे हैं।
इस समस्या के कारण बस कुछ ही दिनों में जिले के भीतर लार्वा मिलने से 1870 व्यक्तियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। डेंगू को लेकर जनता को जागरूक करने के मकसद से स्वस्थ्य विभाग की ओर से एंटी डेंगू माह मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जनता को अपने घर की भीतर रखे पानी की टंकी, कूलर और गमले को हर कुछ समय पश्चात् साफ़ करने की राय दी गयी है।
आपको बता दें कि 1 जुलाई को रेवाड़ी जिले में मानसून सत्र ने दस्तक दी थी। 5 जुलाई को जिले में डेंगू का पहला केस पाया गया था। उसके बाद 19 दिन के अंदर डेंगू के 10 केस पाए गए। मंगलवार को जिले में इखट्टे डेंगू के 5 मरीजों की पुष्टि हुई है। अब तक मिले डेंगू के केस में 12 शहर, 2 बावल व मीरपुर गांव में एक केस मिला है।
डेंगू के इस बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सख्त तैयारी में जुटा हुआ है। जरूरत पड़ने पर अस्पताल में अलग से वार्ड बनाने से लेकर दवाइयों तक की तैयारियां की जा रही हैं, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। डेंगू के साथ-साथ मलेरिया व वायरल की आशंका भी बन गयी है।
मौसम में बदलाव के कारण से भी काफी लोग बुखार से ग्रस्त हुए हैं। पिछले साल की बात करें तो डेंगू का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया था। जिले में 2022 में 324 केस पाय गए थे। 5 मलेरिया के केस भी मिले थे।
दरअसल, बारिश का मौसम शुरू होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को फील्ड में उतार दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जिले के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचकर जांच करने में जुटी है।
अभी तक 1870 लोगों के लारवा मिलने पर नोटिस भेजे जा चुके हैं। साथ ही उन्हें डेंगू से बचाव को लेकर उपाय भी सुझाए गए हैं, ताकि इस बीमारी के खतरे से बचा जा सके।
डेंगू के बढ़ते खतरे को देखते हुए DC इमरान रजा ने आमजनता से अनुरोध किया कि वे प्रत्येक रविवार को अपने घर में ड्राई-डे के तौर पर मनाएं और सभी पानी के बर्तनों, कूलर, टंकी, फ्रिज ट्रे, गमले आदि को खाली करके सुखाएं, ताकि मच्छर के अंडे व लारवा नष्ट हो जाएं।
रेवाड़ी नागरिक अस्पताल के डिप्टी CMO डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि सभी प्रकार का बुखार डेंगू नहीं होता। जांच के बाद चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही अपना इलाज कराएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की भी आवशयकता नहीं पड़ती है।
उन्होंने जताया कि ऐसे व्यक्ति में डेंगू का खतरा ज्यादा होता है, जिसे पहले डेंगू हो चुका है। उसे सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत पड़ती है।