अबतक कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर नहीं पहुंच पाया है, इसी उद्देश्य के साथ इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से अब महज 25 से 150 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है। अब केवल 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रचेगा। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले अमेरिका, चीन और रूस के साथ भारत चौथा देश बन जाएगा।
इसरो ने रविवार 20 अगस्त को एक्स पर एक वीडियो जारी कर 23 अगस्त को चांद पर चंद्रयान के सॉफ्ट लैंडिंग करने की जानकारी दी है। इन तस्वीरों में इसरो ने लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड अवॉएडेंस कैमरा से ली गई चांद के सुदूर भागों की तस्वीरों को दिखाया गया है। इस कैमरा को SAC/ISRO https://sac.gov.in पर विकसित किया गया है। यह चंद्रयान के चांद की सतह पर उतरने और गहरी खाईयों का पता लगाने में मदद करता है।