भारत में Battlegrounds Mobile India (BGMI) खेलने वालों के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। इस पॉपुलर गेम को डिवेलप करने वाली साउथ कोरियन कंपनी Krafton पर यूज़र डेटा को गैरकानूनी तरीके से थर्ड पार्टीज़ को बेचने का आरोप लगा है।
5 सितंबर 2024 को महाराष्ट्र के अकलूज पुलिस स्टेशन में Krafton India Pvt. Ltd. और इसके चार सीनियर अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता संतोष तोरने का आरोप है कि उनका पर्सनल डेटा Telegram के ज़रिए लीक किया गया और प्रति यूज़र करीब ₹2,000 में बेचा गया।
Battlegrounds Mobile India (BGMI) यूज़र्स के लिए क्या मायने रखता है ये मामला
FIR में IPC 120-B (क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी), IPC 420 (चीटिंग), और Information Technology Act, 2000 की कई धाराओं (72, 72A और 85) के उल्लंघन का आरोप है। यदि ये आरोप सही पाए गए, तो यह भारत के डेटा प्रोटेक्शन लॉ के बड़े उल्लंघन को दर्शाता है।
सबसे चिंता की बात यह है कि यह डेटा बिना यूज़र्स की अनुमति के थर्ड पार्टीज़ को शेयर किया गया, जिनमें कुछ विदेशी एंटिटीज़ भी शामिल हो सकती हैं। इससे देश में डिजिटल प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अब एक बार फिर Battlegrounds Mobile India (BGMI) पर बैन की संभावना ज़ाहिर की जा रही है, जैसे पहले PUBG Mobile को बैन किया गया था।

Krafton का जवाब और आगे की स्थिति
Krafton ने इन आरोपों से इनकार किया है और एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा है कि कंपनी भारत के लॉ और रेगुलेशंस का पूरी तरह से पालन करती है। कंपनी ने कहा:
“हम भारतीय मार्केट को लेकर committed हैं और यहां के opportunities को लेकर positive हैं। KRAFTON, Inc. में यूज़र डेटा की security और privacy हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हम हमेशा भारतीय कानूनों और डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशंस का पालन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।”
इस मामले की अगली सुनवाई Bombay High Court में 15 अप्रैल 2025 को तय की गई है। यदि अदालत Krafton के खिलाफ जाती है, तो इससे न केवल कंपनी की साख को झटका लगेगा, बल्कि Battlegrounds Mobile India (BGMI) का भविष्य भी अधर में लटक सकता है।
भारतीय गेमर्स के लिए आगे क्या?
जब BGMI ने पिछले बैन के बाद वापसी की थी, तब यूज़र्स को उम्मीद थी कि अब कोई विवाद नहीं होगा। लेकिन इन नए आरोपों ने गेम की stability और trust पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना दिखाती है कि भारत में इंटरनेशनल टेक और गेमिंग कंपनियों के लिए स्ट्रॉन्ग डेटा प्रोटेक्शन पॉलिसीज़ और ट्रांसपेरेंसी कितनी ज़रूरी है।
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